पंजाब और गुजरात में हुए विधानसभा उपचुनावों में आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी सफलता मिली है। दोनों राज्यों में जीत हासिल कर AAP ने एक बार फिर खुद को एक राष्ट्रीय राजनीतिक विकल्प के तौर पर साबित करने की ओर कदम बढ़ाया है। खासकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह जीत राजनीतिक वापसी की एक मजबूत दस्तक मानी जा रही है।
पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट पर जीत
पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट से AAP उम्मीदवार ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को पीछे छोड़ते हुए शानदार जीत दर्ज की। यह सीट पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का विषय बनी हुई थी और इसे जीतने से पार्टी का राज्य में जनाधार और मजबूत हुआ है।
गुजरात की वसावदर सीट भी जीती
गुजरात में पारंपरिक रूप से कांग्रेस और बीजेपी के बीच रही वसावदर सीट पर AAP की जीत ने सबको चौंका दिया। यह पार्टी के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है, खासकर उस राज्य में जहां वह अभी तक सीमित प्रभाव रखती थी।
केजरीवाल की वापसी का संकेत?
AAP की इस दोहरी जीत को राजनीतिक विश्लेषक अरविंद केजरीवाल की राष्ट्रीय राजनीति में पुनः एंट्री की भूमिका मान रहे हैं। ईडी केस में गिरफ्तारी, जेल और फिर रिहाई के बाद केजरीवाल के लिए यह जीत न केवल जनता के समर्थन का संकेत है बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता पर फिर से भरोसे की मोहर भी है।
आगे की राह:
अब सवाल यह है कि क्या AAP इन जीतों को 2026 के लोकसभा चुनाव की तैयारी में बदल पाएगी? क्या पार्टी अब उत्तर भारत से लेकर पश्चिम भारत तक एक मजबूत राष्ट्रीय चेहरा बन पाएगी?