आज जब पूरी दुनिया तनाव, अवसाद और भागदौड़ भरे जीवन से जूझ रही है, ऐसे में योग एक सकारात्मक समाधान बनकर उभर रहा है। इंटरनेशनल योग दिवस 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में समुद्र तट पर योग कार्यक्रम में भाग लिया और देशवासियों को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “इस भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण दुनिया में योग एक ‘पॉज बटन’ की तरह है, जो हमें अपने अंदर झांकने का मौका देता है। योग केवल शरीर को नहीं, मन और आत्मा को भी संतुलन देता है।”
हजारों लोगों के साथ किया योगाभ्यास
सुबह तड़के आयोजित इस कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए, जिनमें युवाओं, छात्रों, सुरक्षाबलों के जवानों और स्थानीय लोगों की बड़ी भागीदारी रही। पीएम मोदी ने सभी के साथ योगासन किए और जीवन में योग को अपनाने के लाभ बताए। उन्होंने कहा कि योग अब एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है, और यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को विश्व मंच पर गौरवान्वित कर रहा है।
‘वन अर्थ, वन हेल्थ, वन फ्यूचर’ का संदेश
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में “वन अर्थ, वन हेल्थ, वन फ्यूचर” का संदेश देते हुए कहा कि योग न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए, बल्कि सामाजिक और वैश्विक संतुलन के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने इसे “ग्लोबल हेल्थ मूवमेंट” का अहम हिस्सा बताया।
दुनियाभर में मनाया जा रहा है योग दिवस
भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के देशों में आज योग दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। न्यूयॉर्क से लेकर टोक्यो और लंदन तक भारतीय दूतावासों और स्थानीय संगठनों ने योग कार्यक्रम आयोजित किए।
प्रधानमंत्री ने अंत में सभी देशवासियों से अपील की, “योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। यह न केवल आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि आपके विचारों को भी सकारात्मक दिशा देता है।”