प्नधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कनाडा दौरा चर्चा का विषय बना हुआ है। कनाडा के कनानास्किस में चल रहे 51वें G7 शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 17 जून 2025 को कई देशों के शीर्ष नेताओं से द्विपक्षीय मुलाकातें कीं। इन मुलाकातों का उद्देश्य भारत के वैश्विक सहयोग को मजबूत करना और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर साझा रणनीति बनाना रहा। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे-मयोंग, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी से मुलाकात की।
वही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के साथ बैठक में दोनों नेताओं ने व्यापार, अर्थव्यवस्था, ग्रीन हाइड्रोजन, शिपबिल्डिंग, संस्कृति और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने जैसे क्षेत्रों में सहयोग पर सहमति जताई। साथ ही, उभरती तकनीकों और वैश्विक चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। वहीं मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम से यह प्रधानमंत्री मोदी की पहली मुलाकात थी। उन्होंने राष्ट्रपति को ऐतिहासिक चुनावी जीत के लिए बधाई दी और भारत-मैक्सिको संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, फार्मा, डिजिटल इनोवेशन, अर्धचालक (सेमीकंडक्टर्स), स्वास्थ्य, और क्रिटिकल मिनरल्स में सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। राष्ट्रपति शेनबाउम को भारत आने का आमंत्रण भी दिया गया।
इसके साथ ही, इस बीच ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बानीज से हुई बातचीत को प्रधानमंत्री मोदी ने “अच्छी मुलाकात” बताते हुए सोशल मीडिया पर साझा किया। दोनों नेताओं ने भारत-ऑस्ट्रेलिया रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर बात की। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने औपचारिक रूप से PM मोदी का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने भारत-कनाडा संबंधों को नई दिशा देने के प्रयासों पर चर्चा की। गौरतलब है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की दस वर्षों में कनाडा की पहली यात्रा है और भारत-कनाडा संबंध पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में खराब हो गए थे। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा से भी PM मोदी की मुलाकात हुई, जिसमें दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग को बढ़ाने और वैश्विक मुद्दों पर विचार साझा किए।
बताते चले कि, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से भी प्रधानमंत्री मोदी ने ‘पुल-असाइड’ बैठक की, जिसमें द्विपक्षीय हितों और वैश्विक घटनाओं पर चर्चा हुई। PM मोदी ने कैलगरी पहुंचने के बाद कहा था कि वह G7 सम्मेलन में विभिन्न नेताओं से मुलाकात करेंगे और वैश्विक मुद्दों पर भारत की राय साझा करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह “Global South” यानी विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को प्रमुखता देंगे।पीएम मोदी की यह यात्रा प्रधानमंत्री मोदी के तीन देशों साइप्रस, कनाडा और क्रोएशिया के दौरे का हिस्सा है। G7 सम्मेलन में भारत की यह 12वीं और PM मोदी की लगातार 6वीं भागीदारी है।