प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैलगरी, कनाडा पहुंच चुके हैं। यहां वह 51वें G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया में ईरान और इजरायल के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने साइप्रस का दौरा पूरा किया, जहां उन्होंने साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स के साथ विस्तार से बातचीत की.।दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कनाडा पहुँचना और G7 शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात नहीं होना— यह खबर आज सुबह से काफी चर्चा में है। आइए जानते हैं, इस दौरान पीएम मोदी किन मुद्दों पर बातचीत करेंगे।
G7 में पीएम मोदी की प्रमुख बातचीत और एजेंडा
1. ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा का भविष्य
- ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा विविधीकरण, इन्फ्रास्ट्रक्चर और निवेश पर चर्चा होगी ताकि दुनिया में सुलभ और किफायती ऊर्जा सुनिश्चित की जा सके ।
- विशेष रूप से ‘AI–energy nexus’ और क्वांटम तकनीकों को ऊर्जा क्षेत्र में लाने पर बल दिया जाएगा।
2. प्रौद्योगिकी, नवोन्मेष और क्वांटम क्षमताएँ
- डिजिटल वैश्विक नेता के तौर पर भारत की भूमिका को रेखांकित किया जाएगा।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम तकनीक और नवप्रवर्तन जैसे अहम क्षेत्रों पर विचार-विमर्श होगा ।
3. ग्लोबल साउथ की आवाज़
- पीएम मोदी ग्लोबल साउथ यानी विकासशील देशों की प्राथमिकताओं को उजागर करेंगे ।
4. द्विपक्षीय बैठकों (बिलैटरल्स)
- शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच स्पष्ट संकेत मिले कि भारत–कनाडा रिश्तों को सुधारने की दिशा में बातचीत होगी ।
- इसके अलावा अन्य मेहमान राष्ट्रों व G7 नेताओं के साथ भी मार्जिन पर बहुपक्षीय वार्ताएँ की जाएँगी।
5. वैश्विक संकट : मध्य-पूर्व, व्यापार और सुरक्षा
- G7 नेता इज़राइल–ईरान तनाव, रूस–यूक्रेन युद्ध, व्यापार (विशेषकर अमेरिकी टैरिफ नीतियों) जैसे चारों ओर फैले संकटों पर विचार करेंगे ।
- ट्रंप से औपचारिक मुलाकात न होने के बावजूद, अपेक्षा की जा रही है कि इंडिया की तेल-गैस, खाद्य सुरक्षा और तकनीकी पहलुओं पर वैश्विक स्थिति का जायजा लिया जाए।
ट्रंप से बैठक क्यों नहीं?
- रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और ट्रंप के बीच कोई शेड्यूल्ड बैठक नहीं है ।
- ट्रंप का G7 में औपचारिक रूप से शामिल होना विवादों के बीच है—टैक्स, ट्रेड वार और मध्य-पूर्व नीति के चलते अन्य देशों ने उनकी उपस्थिति को न्यूनाधिक रखा है ।
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
ऊर्जा & टेक्नोलॉजी | ऊर्जा सुरक्षा, AI‑energy nexus, क्वांटम एवं नवाचार |
वैश्विक दक्षिण | विकासशील देशों की आवाज़ और प्राथमिकताएँ |
बिलैटरल वार्ता | इंडिया‑कनाडा संबंध सुधार, बहुपक्षीय चर्चाएँ |
वैश्विक चुनौतियाँ | मध्य‑पूर्व संघर्ष, रूस‑यूक्रेन, व्यापार नीतियाँ |
ट्रंप से निष्कर्ष | कोई औपचारिक मुलाकात नहीं, एजेंडा में शामिल नहीं |
वही मोदी की G7 उपस्थिति ऊर्जा सुरक्षा, टेक्नोलॉजी इनोवेशन और ग्लोबल साउथ को केंद्र में रखकर है। यह भारत के वैश्विक नेतृत्व को मजबूत करने और विकासशील देशों की स्थिति को उजागर करने का रणनीतिक मंच साबित होगी, जबकि समय के मुताबिक ट्रंप से कोई बातचीत नहीं है।