बिहार के गया जिले के पतवाटोली गांव के मंतराज ने अपने जज़्बे और मेहनत से वो कर दिखाया जो लाखों छात्रों का सपना होता है। शारीरिक रूप से अक्षम और कमजोर दृष्टि होने के बावजूद मंतराज ने IIT JEE Advanced 2025 की परीक्षा पास करते हुए OBC-PwD वर्ग में 81वीं रैंक हासिल की है।
मंतराज का सफर संघर्षों से भरा रहा है। उनके माता-पिता गुजरात के सूरत में एक कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं और बेहद सीमित संसाधनों के बीच मंतराज ने पढ़ाई जारी रखी। गांव की सीमित सुविधाओं, आर्थिक परेशानियों और शारीरिक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
पतवाटोली गांव, जिसे “कोचिंग हब” के रूप में भी जाना जाता है, से पहले भी कई छात्रों ने IIT और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाएं पास की हैं, लेकिन मंतराज की सफलता उनकी खास परिस्थितियों के चलते और भी प्रेरणादायक है।
उनकी कहानी उन लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो संसाधनों की कमी के कारण हार मान लेते हैं। मंतराज ने साबित किया है कि अगर हौसला हो, तो कोई भी मुश्किल रास्ता मंजिल तक जरूर पहुंचता है।