Homeन्यूज़Bangladesh Politics: हिला बांग्लादेश! मोहम्मद यूनुस की ‘चुप्पी’ टूटी, इस्तीफे की धमकी ने मचाई सियासी सनसनी

Bangladesh Politics: हिला बांग्लादेश! मोहम्मद यूनुस की ‘चुप्पी’ टूटी, इस्तीफे की धमकी ने मचाई सियासी सनसनी

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बांग्लादेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। नोबेल पुरस्कार विजेता और ग्रेमीन बैंक के संस्थापक डॉ. मोहम्मद यूनुस ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने के संकेत देकर पूरे देश में सियासी सनसनी फैला दी है। ढाका की सड़कों पर भारी संख्या में लोग जमा हो गए हैं। देश की राजधानी इस वक्त उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है।

डॉ. यूनुस, जिनका नाम हमेशा सामाजिक बदलाव और आर्थिक सुधारों से जुड़ा रहा है, ने प्रेस कांफ्रेंस में चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा:“मैं खुद को एक बंधक की तरह महसूस कर रहा हूं। अगर हालात नहीं बदले, तो मैं प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर हो जाऊंगा।”

क्यों टूटा मोहम्मद यूनुस का सब्र?

विश्व स्तर पर सम्मानित डॉ. यूनुस हाल के दिनों में बांग्लादेश की सत्ताधारी व्यवस्था से टकराव के चलते सुर्खियों में हैं। सूत्रों के अनुसार, उन पर सरकारी संस्थानों द्वारा लगातार दबाव डाला जा रहा है, जिससे उनका प्रशासनिक और सामाजिक कार्य प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि: “मेरे ऊपर झूठे मुकदमे, सरकारी जांच और बदनाम करने की कोशिशें की जा रही हैं। मैं देश के लिए काम करना चाहता हूं, लेकिन मुझे हर कदम पर रोका जा रहा है।”

जनता का समर्थन या सियासी साजिश?

डॉ. यूनुस के बयान के बाद ढाका समेत कई शहरों में उनके समर्थक सड़कों पर उतर आए। लोगों ने नारे लगाए – “यूनुस नहीं झुकेगा!”, “बदलाव चाहिए, दबाव नहीं!”
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह इस्तीफा सिर्फ एक बयान नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम भी हो सकता है – ताकि जनता का दबाव सरकार पर बनाया जा सके।

सरकार की प्रतिक्रिया

अब तक सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में इस बयान के बाद हलचल मच गई है। यह आशंका जताई जा रही है कि यूनुस के इस्तीफे से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश की छवि को नुकसान हो सकता है।

क्या होगा अगला कदम?

डॉ. यूनुस ने अगले 48 घंटों को “निर्णायक समय” बताया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि स्थितियां नहीं सुधरतीं, तो वह एक बड़ा निर्णय लेंगे। राजनीति के गलियारों में इस बयान को लेकर कयासों का दौर तेज हो गया है – क्या डॉ. यूनुस वाकई इस्तीफा देंगे? या यह सिर्फ एक दबाव की रणनीति है?

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