देश की सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक खुफिया नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए दस लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन पर देश से गद्दारी और पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का गंभीर आरोप है। इन लोगों पर देश की सामरिक सूचनाएं लीक करने, सेना की गतिविधियों पर नजर रखने और डिजिटल माध्यम से संवेदनशील डेटा दुश्मन तक पहुंचाने का संदेह है।
इस पूरे नेटवर्क की सबसे चर्चित चेहरे बनी हैं ज्योति मल्होत्रा, जिनकी पहचान एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और “कविता प्रेमी” के रूप में सामने आई थी, लेकिन असल में वह हनी ट्रैप ऑपरेशन्स और डाटा लीक की मास्टरमाइंड बताई जा रही हैं।
ये हैं देश के ‘गद्दार‘ – पूरी सूची:
- ज्योति मल्होत्रा – सोशल मीडिया के ज़रिए हनी ट्रैप चलाने और सैन्य अफसरों से संवेदनशील जानकारी निकलवाने की आरोपित।
- नवांकुर चौधरी – हरियाणा का निवासी, जिसे पाकिस्तानी हैंडलर्स से फंडिंग लेने और डेटा ट्रांसफर के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
- प्रियंका सेनापति – पश्चिम बंगाल की मूल निवासी, कथित तौर पर फर्जी NGO के ज़रिए खुफिया जानकारी इकट्ठा कर रही थी।
- अतुल मिश्रा – उत्तर प्रदेश से संबंध, रक्षा मंत्रालय की साइट्स पर फिशिंग अटैक करने में लिप्त पाया गया।
- ताहिरा शेख – जम्मू की निवासी, संदिग्ध सोशल मीडिया ग्रुप्स से जुड़ी हुई थी, जो पाकिस्तान समर्थक प्रचार कर रहे थे।
- सुमित राजपूत – इंजीनियरिंग छात्र, जिसने सीमा पर लगे कैमरा सर्विलांस सिस्टम की जानकारियां बेचने की कोशिश की।
- विक्रमजीत सिंह – पंजाब का निवासी, भारतीय जवानों की मूवमेंट की जानकारी पाकिस्तान को भेजने के आरोप में।
- रुचिका गुप्ता – दिल्ली निवासी, रक्षा अफसरों के परिवारों से मेलजोल बनाकर सूचनाएं निकालने की रणनीति अपनाई।
- अब्दुल रहमान – नकली पहचान के साथ कई सीमावर्ती इलाकों में एक्टिव रहा और लोकेशन ट्रैकिंग डेटा भेजता रहा।
- नेहा तंवर – डिजिटल कंटेंट निर्माता, संदिग्ध चैट ऐप्स के जरिए दुश्मन एजेंसी से संवाद करती थी।
ISI कनेक्शन और नेटवर्क का खुलासा:
जांच में सामने आया है कि इन सभी का कनेक्शन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ है। उन्हें अलग-अलग कोडनेम दिए गए थे और बातचीत पूरी तरह एन्क्रिप्टेड चैट एप्लिकेशनों के जरिए होती थी। ये लोग डिजिटल मनी ट्रांसफर, फेक सोशल मीडिया अकाउंट्स और डार्क वेब प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए ऑपरेट कर रहे थे।
अब तक की कार्रवाई:
- 10 में से 7 आरोपी पुलिस रिमांड में, 3 को NIA ने हिरासत में लिया
- UAPA और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत केस दर्ज
- इनके कब्जे से कई लैपटॉप, मोबाइल, सैटेलाइट डिवाइस, और संदिग्ध विदेशी करेंसी बरामद
कानूनी मोर्चा:
सरकार ने स्पष्ट किया है कि देशद्रोहियों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम अब इनसे जुड़ी अंतरराष्ट्रीय लिंक की भी जांच कर रही है।