भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने हाल ही में एक बड़े और खतरनाक जासूसी नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। महज 11 दिनों में देश के भीतर से 7 जासूसों को गिरफ्तार किया गया है, और हैरान करने वाली बात ये है कि ये जासूस किसी विदेशी नागरिक नहीं, बल्कि भारत के ही हैं। इन गिरफ्तारियों ने देशभर में खलबली मचा दी है।
इनमें से ज्यादातर का संबंध पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से है। ये गिरफ्तारी अभियान 8 मई से शुरू हुआ था और तब से अब तक एक के बाद एक करके इस नेटवर्क से जुड़े सात लोग पकड़े जा चुके हैं।
सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि ये सभी एक ही नेटवर्क का हिस्सा हैं, जिसका सीधा संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI से जुड़ा हुआ है। इन जासूसों के जरिए संवेदनशील सैन्य और सामरिक जानकारियां पाकिस्तान तक पहुंचाई जा रही थीं।
सबसे ज्यादा सुर्खियों में: ज्योति मल्होत्रा
इन सात गिरफ्तारियों भारत में सबसे ज्यादा चर्चा में नाम है ज्योति मल्होत्रा का। शुरुआती जांच में सामने आया है कि ज्योति न सिर्फ इस नेटवर्क की अहम कड़ी थी, बल्कि वह पाकिस्तानी एजेंट्स के सीधे संपर्क में थी।
सूत्रों के मुताबिक, ज्योति को “हनी ट्रैप” और सोशल इंजीनियरिंग के जरिए भारतीय सुरक्षाकर्मियों और अधिकारियों से संवेदनशील सूचनाएं निकलवाने का जिम्मा सौंपा गया था। वह सोशल मीडिया के जरिए पहले संपर्क बनाती, फिर बातचीत को निजी स्तर तक ले जाती और फिर धीरे-धीरे गुप्त जानकारी निकलवाती।
जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, ज्योति मल्होत्रा की भूमिका और भी गंभीर रूप से सामने आ रही है। उसके पास से कई संदिग्ध डिवाइस, विदेशी फंडिंग के प्रमाण और चैट्स भी बरामद हुए हैं जो उसके पाकिस्तान से कनेक्शन की पुष्टि करते हैं।
जांच एजेंसियों की अगली चाल:
- इस नेटवर्क से जुड़े और लोगों की तलाश जारी है।
- इंटरनेशनल कनेक्शन की जांच की जा रही है।
- केंद्रीय एजेंसियों ने राज्यों की ATS (Anti-Terrorism Squad) के साथ समन्वय बढ़ा दिया है।
- सोशल मीडिया पर जासूसी नेटवर्क की पहचान के लिए डिजिटल ट्रैकिंग बढ़ा दी गई है।
यह सिर्फ एक अलर्ट नहीं, चेतावनी है!
देश के अंदर से ही जब दुश्मन निकलने लगें तो खतरा कहीं ज्यादा गहरा होता है। यह घटना न सिर्फ सुरक्षा तंत्र के लिए एक बड़ा अलार्म है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी जागरूक रहने की चेतावनी है।