क्या आप भी देर रात तक मोबाइल चलाते हैं, फिल्में देखते हैं या काम में लगे रहते हैं और फिर आधी रात के बाद सोते हैं? अगर हां, तो यह आदत धीरे-धीरे आपकी सेहत को खोखला कर रही है। नींद में लापरवाही करना न सिर्फ थकावट लाता है, बल्कि यह कई गंभीर बीमारियों की वजह भी बन सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, रोजाना देर रात तक जागना आपके शरीर की प्राकृतिक घड़ी (Biological Clock) को बिगाड़ देता है, जिससे मानसिक और शारीरिक दोनों सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
मानसिक स्वास्थ्य पर असर
- देर रात तक जागने से डिप्रेशन, एंग्जायटी और तनाव की समस्या बढ़ सकती है।
- नींद पूरी न होने से मस्तिष्क को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, जिससे एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता घट जाती है।
हृदय रोगों का खतरा
- रिसर्च के अनुसार जो लोग रात 12 बजे के बाद सोते हैं, उनमें ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।
- रात को जल्दी सोने वालों की तुलना में लेट सोने वालों में मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है।
वजन बढ़ने और डायबिटीज का खतरा
- देर से सोने वाले अक्सर रात में स्नैकिंग करते हैं, जिससे वजन तेजी से बढ़ता है।
- यह आदत धीरे-धीरे टाइप 2 डायबिटीज का रूप ले सकती है।
नींद की गुणवत्ता होती है खराब
- आधी रात के बाद सोने पर नींद की गहराई (Deep Sleep) कम हो जाती है, जिससे शरीर खुद को ठीक तरह से रिचार्ज नहीं कर पाता।
- थकान और चिड़चिड़ापन दिनभर बना रहता है।
सुझाव:
- रोजाना एक निश्चित समय पर सोने और उठने की आदत डालें।
- सोने से 1 घंटे पहले स्क्रीन टाइम कम करें (मोबाइल, लैपटॉप आदि)।
- कैफीन और भारी भोजन रात में टालें।
- शांत वातावरण में सोने की कोशिश करें।
- मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज से नींद की गुणवत्ता बढ़ सकती है।
रात में देर तक जागना आपको “कूल” नहीं, बल्कि “कमज़ोर” बना रहा है। यह आदत धीरे-धीरे आपके शरीर और मन दोनों पर वार करती है। बेहतर जीवन और सेहत के लिए समय पर सोना कोई विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता है।