संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सिविल सर्विसेज परीक्षा 2024 के नतीजों में एक प्रेरणादायक कहानी सामने आई है। कर्नाटक की रहने वाली प्रीति एसी ने इस कठिन परीक्षा में 263वीं रैंक हासिल कर देशभर में मिसाल पेश की है। खास बात यह है कि प्रीति ने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के और अपने तीसरे प्रयास में हासिल की।
साधारण पृष्ठभूमि, असाधारण उपलब्धि
प्रीति के पिता चन्नबसप्पा एक कुक हैं, जो वर्षों से ईमानदारी से अपने परिवार का पालन-पोषण करते आ रहे हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपनी बेटी के सपनों को उड़ान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रीति की सफलता इस बात का प्रमाण है कि मेहनत, समर्पण और आत्मविश्वास से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।
बिना कोचिंग की तैयारी, अनुशासन ही बना हथियार
प्रीति ने दिल्ली या बेंगलुरु जैसे बड़े कोचिंग हब्स का रुख नहीं किया। उन्होंने स्व-अध्ययन को ही अपना मार्गदर्शक बनाया और ऑनलाइन संसाधनों, एनसीईआरटी किताबों, अखबारों और मॉक टेस्ट के सहारे खुद को तैयार किया। उनका कहना है कि “अगर आप योजना बनाकर पढ़ाई करें और लगातार आत्ममूल्यांकन करें, तो कोचिंग जरूरी नहीं।”
परिवार का संघर्ष और बेटी की उड़ान
प्रीति बताती हैं, “मेरे पिता ने कई बार अपनी जरूरतें टाल दीं ताकि मैं किताबें और इंटरनेट कनेक्शन ले सकूं। आज उनकी मेहनत रंग लाई है।” उनकी इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार का सिर गर्व से ऊँचा किया, बल्कि समाज के उन लाखों युवाओं को भी प्रेरणा दी है जो आर्थिक बाधाओं से जूझते हुए सपने देख रहे हैं। प्रीति का संदेश है:“अगर आप अपने सपनों पर यकीन करते हैं और बिना रुके मेहनत करते हैं, तो मंज़िल जरूर मिलती है। हार मानने से पहले एक बार खुद पर भरोसा करके देखिए।”