केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय टम्टा ने सोमवार को जानकारी दी कि हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार की ओर से कुल ₹73,000 करोड़ की लागत से कई अधोसंरचनात्मक परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इन परियोजनाओं में प्रमुख रूप से सड़कें, राजमार्ग, सुरंगें और पुलों का निर्माण शामिल है।
अजय टम्टा ने कहा कि केंद्र सरकार की मंशा है कि पहाड़ी राज्यों की कनेक्टिविटी को मजबूती दी जाए, जिससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिले, बल्कि स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में सुविधा हो। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के माध्यम से राज्य की आर्थिक स्थिति में उल्लेखनीय सुधार की उम्मीद है।
इनमें शामिल हैं प्रमुख परियोजनाएं:
- चार लेन हाईवे विस्तार, जिससे यातायात तेज और सुरक्षित हो सके।
- रणनीतिक सुरंगों का निर्माण, जो सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच आसान बनाएंगे।
- पर्यटन मार्गों का विकास, जिससे धार्मिक व प्राकृतिक स्थलों तक बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
- राष्ट्रीय राजमार्गों का चौड़ीकरण, जो राज्य के भीतर और अन्य राज्यों के साथ व्यापारिक आवाजाही को सुगम बनाएगा।
राज्य सरकार का सहयोग जरूरी
टम्टा ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार से बेहतर तालमेल की आवश्यकता है। भूमि अधिग्रहण और पर्यावरणीय मंजूरी जैसे मामलों में अगर राज्य तेजी से फैसले ले, तो विकास कार्यों को और तेज किया जा सकता है।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार
इन परियोजनाओं के चलते स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। टम्टा ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि निर्माण कार्यों में स्थानीय संसाधनों और मानवशक्ति का अधिकतम उपयोग हो।
पर्यटन और व्यापार को मिलेगा बल
हिमाचल प्रदेश में हर साल लाखों सैलानी आते हैं। बेहतर सड़कों और बुनियादी ढांचे से पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयां मिलेंगी और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके अलावा, व्यापारिक परिवहन भी तेज़ होगा जिससे किसानों और व्यापारियों को भी लाभ पहुंचेगा।