प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सऊदी अरब की यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। यह दौरा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच छह अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिनमें ऊर्जा, व्यापार, सुरक्षा, डिजिटल सहयोग, निवेश और संस्कृति से जुड़े मुद्दे शामिल हैं।
हज कोटा बढ़ने की संभावना
प्रधानमंत्री की इस यात्रा में भारत के हज यात्रियों के लिए हज कोटा बढ़ाने का मुद्दा भी अहम रहेगा। हर साल लाखों भारतीय मुस्लिम सऊदी अरब जाकर हज यात्रा करते हैं, ऐसे में हज कोटा बढ़ाने से उन्हें और ज्यादा अवसर मिलेगा। माना जा रहा है कि इस विषय पर सकारात्मक बातचीत हो सकती है।
क्यों खास है यह दौरा?
सऊदी अरब भारत का एक प्रमुख रणनीतिक साझेदार है, खासतौर पर तेल और गैस के क्षेत्र में। भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा सऊदी अरब से पूरा करता है। इसके अलावा, दोनों देश डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी और सुरक्षा सहयोग को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
- ऊर्जा सहयोग: तेल और ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में निवेश और सप्लाई सुरक्षा
- डिजिटल साझेदारी: स्टार्टअप, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग
- रक्षा और सुरक्षा: आतंकवाद के खिलाफ रणनीतिक सहयोग
- व्यापार और निवेश: दोनों देशों के बीच व्यापार को $100 अरब तक पहुंचाने का लक्ष्य
- संस्कृतिक आदान-प्रदान: लोगों से लोगों के बीच संपर्क और पर्यटन को बढ़ावा
- प्रवासी भारतीयों के हित: सऊदी में रह रहे भारतीय कामगारों की स्थिति और अधिकारों पर चर्चा
‘बेस्ट फ्रेंड‘ बनने की कोशिश
भारत और सऊदी अरब के रिश्ते पिछले कुछ वर्षों में तेजी से मजबूत हुए हैं। भारत, सऊदी अरब को केवल एक ऊर्जा साझेदार नहीं बल्कि ‘स्ट्रैटेजिक बेस्ट फ्रेंड’ के रूप में देख रहा है। दोनों देशों के नेतृत्व ने कई मौकों पर एक-दूसरे के हितों का समर्थन किया है। इस दौरे को लेकर दोनों देशों में उत्साह है और यह माना जा रहा है कि इससे भारत-सऊदी रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू होगा।