देश के कई हिस्सों में पड़ रही भीषण गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है, जिससे हीट स्ट्रोक का खतरा तेजी से बढ़ गया है। डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार, शरीर का तापमान जब 104°F (40°C) से ऊपर पहुंचता है, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है। हीट स्ट्रोक न केवल थकावट और बेहोशी का कारण बनता है, बल्कि यह हार्ट अटैक और ब्रेन डैमेज जैसे गंभीर समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
हीट स्ट्रोक क्या है?
हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी है, जो तब होती है जब शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है और शरीर उसे कंट्रोल नहीं कर पाता। यह स्थिति तब और भी खतरनाक हो जाती है जब पसीना आना बंद हो जाता है और शरीर ठंडा नहीं हो पाता।
हीट स्ट्रोक के मुख्य लक्षण:
- तेज बुखार (104°F या उससे अधिक)
- सिरदर्द और चक्कर आना
- मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन
- त्वचा का लाल और गर्म होना
- तेज़ और गहरी साँसें
- मतली या उल्टी
- भ्रम की स्थिति या बेहोशी
लक्षण दिखते ही करें ये 5 ज़रूरी काम:
- ठंडी जगह ले जाएं: व्यक्ति को तुरंत किसी ठंडी और छायादार जगह ले जाएं।
- शरीर ठंडा करें: ठंडे पानी की पट्टियां रखें या स्प्रे करें। हाथ-पैर, गर्दन और बगल पर ठंडी पट्टियां रखें।
- ढीले कपड़े पहनाएं: तंग और भारी कपड़े हटाकर ढीले, हल्के और सूती कपड़े पहनाएं।
- पानी या इलेक्ट्रोलाइट्स दें: अगर व्यक्ति होश में है, तो उसे धीरे-धीरे पानी या ORS का घोल पिलाएं।
- डॉक्टर को बुलाएं: हीट स्ट्रोक को हल्के में न लें। तुरंत मेडिकल सहायता लें।
हीट स्ट्रोक से कैसे बचें?
- धूप में निकलने से बचें, खासकर दोपहर 12 से 4 बजे के बीच
- बाहर निकलते समय छाता, टोपी या गमछा जरूर लें
- खूब पानी और तरल पदार्थ पिएं
- हल्का और ठंडा भोजन करें
- अत्यधिक परिश्रम या एक्सरसाइज से बचें
डॉक्टरों की चेतावनी:
विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी में लापरवाही भारी पड़ सकती है। विशेष रूप से बच्चे, बुजुर्ग और हार्ट या ब्रेन संबंधी बीमारी से पीड़ित लोगों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। गर्मी से लड़ने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। शरीर के तापमान में बदलाव को हल्के में न लें। लक्षण दिखते ही तुरंत कार्रवाई करें और खुद को व दूसरों को सुरक्षित रखें। हीट स्ट्रोक से बचाव ही इसका सबसे अच्छा इलाज है।