2025 की शुरुआत से ही कीमती धातुओं की चमक और भी तेज होती जा रही है। सोने की कीमतों में इस साल अब तक ₹13,999 की बढ़त देखी गई है और यह ₹90,161 प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया है। इसके साथ ही चांदी की कीमतें भी रफ्तार पकड़ रही हैं। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस तेजी के पीछे जियो-पॉलिटिकल टेंशन, कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था और डॉलर में उतार-चढ़ाव जैसे कारण हैं।
क्या है तेजी का कारण?
- मिडल ईस्ट और रूस-यूक्रेन संकट जैसे जियो-पॉलिटिकल तनाव ने दुनियाभर में निवेशकों की नजरें सोने पर टिकाई हैं।
- डॉलर में कमजोरी और ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद के चलते सोना एक सुरक्षित निवेश विकल्प बन गया है।
- अमेरिका में फेडरल रिजर्व की भविष्य की नीतियों को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, जिससे सोने में निवेश बढ़ा है।
- भारत में विवाह और त्योहारों का सीजन भी कीमतों को और बल दे रहा है।
मार्केट एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं?
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, अगर भू-राजनीतिक स्थिति और बिगड़ती है, तो सोना आने वाले दिनों में ₹92,000 से ₹95,000 प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है। वहीं, चांदी की कीमतें भी ₹1,10,000 प्रति किलो तक पहुंचने की संभावना है।
निवेशकों के लिए क्या संकेत?
- निवेशक अब सोने को एक सेफ हेवन एसेट के रूप में देख रहे हैं।
- गोल्ड ETF और डिजिटल गोल्ड में भी बढ़त देखने को मिल रही है।
- लॉन्ग टर्म निवेश के लिए सोना एक बेहतर विकल्प बनता जा रहा है।
जैसे-जैसे अंतरराष्ट्रीय तनाव और आर्थिक अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं, वैसे-वैसे कीमती धातुओं की कीमतें आसमान छू रही हैं। अगर आप निवेश की सोच रहे हैं, तो यह समय सोने-चांदी की तरफ एक बार फिर रुख करने का हो सकता है। हालांकि, किसी भी निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।