भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 9 अप्रैल 2025 को रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करते हुए इसे 6% पर ला दिया है। यह लगातार दूसरी बार है जब RBI ने रेपो रेट में कटौती की है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
किन सेक्टर्स को होगा लाभ?
- रियल एस्टेट सेक्टर: ब्याज दरों में कमी से होम लोन सस्ते होंगे, जिससे घर खरीदने की इच्छा रखने वाले लोगों की मांग बढ़ सकती है। यह रियल एस्टेट बाजार में सुस्ती को कम करने में मदद करेगा और आवासीय संपत्तियों की बिक्री को बढ़ावा देगा।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर: ऑटो लोन की ब्याज दरें घटने से वाहन खरीदने की लागत कम होगी, जिससे ऑटोमोबाइल उद्योग में बिक्री बढ़ने की संभावना है। यह कदम ऑटो सेक्टर को नई ऊर्जा प्रदान कर सकता है।
3 बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: ब्याज दरों में कटौती से बैंकों की उधारी लागत कम होगी, जिससे वे उपभोक्ताओं को सस्ते ऋण प्रदान कर सकेंगे। यह क्रेडिट ग्रोथ को बढ़ावा देगा और वित्तीय सेवाओं की मांग में वृद्धि करेगा।
- कंज्यूमर ड्यूरे–बल्स: सस्ते ऋण उपलब्ध होने से उपभोक्ता टिकाऊ वस्त्र जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर आदि की खरीदारी में वृद्धि हो सकती है, जिससे इस सेक्टर को लाभ मिलेगा।
आगे की संभावनाएं
RBI के इस कदम से उम्मीद है कि उपभोक्ता खर्च में वृद्धि होगी, जिससे समग्र आर्थिक विकास को गति मिलेगी। हालांकि, यह निर्भर करेगा कि बैंक और वित्तीय संस्थान इस कटौती का कितना लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाते हैं। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों और अन्य बाहरी कारकों का भी प्रभाव पड़ सकता है।