प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक आध्यात्मिक कार्यक्रम के दौरान नवकार महामंत्र का जाप करते हुए इसे नई पीढ़ी के लिए एक “दिशा” बताया। इस अवसर पर उन्होंने जैन धर्म के इस पवित्र मंत्र की महत्ता को रेखांकित किया और कहा कि यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि जीवन को अनुशासित और सकारात्मक मार्ग पर ले जाने का एक साधन है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “नवकार महामंत्र केवल एक जाप नहीं है, यह हमारी चेतना को ऊंचाई देने वाला, विचारों को शुद्ध करने वाला और आत्मा को शांत करने वाला मार्ग है। नई पीढ़ी को इसे केवल एक धार्मिक परंपरा की तरह नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला के रूप में देखना चाहिए।”
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने जैन संतों की उपस्थिति में नवकार महामंत्र का उच्चारण किया और उसके भावार्थ पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस मंत्र में न किसी भगवान का नाम है और न ही किसी विशेष शक्ति का उल्लेख। यह मंत्र सच्चे ज्ञान, चारित्र और तप की साधना को प्राथमिकता देता है, जो हर युग और हर समाज के लिए प्रासंगिक है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की सांस्कृतिक विरासत में ऐसे अनेक मंत्र और सिद्धांत हैं, जो न केवल आध्यात्मिक उन्नति के लिए बल्कि सामाजिक समरसता और नैतिक जीवन के लिए भी प्रेरणा देते हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इन मूल्यों को अपनाकर आत्मविकास और राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
कार्यक्रम में मौजूद साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने प्रधानमंत्री की भावनाओं का स्वागत किया और नवकार महामंत्र को जन-जन तक पहुंचाने के उनके प्रयास की सराहना की।