पश्चिम बंगाल में वक्फ कानून के आज से लागू होने के बाद राज्य के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले। कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया। इस दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, सरकारी वाहनों में आग लगा दी, और सड़कों पर यातायात अवरुद्ध कर दिया।
प्रदर्शन के दौरान कोलकाता, मुर्शिदाबाद, हावड़ा और मालदा जिलों में हिंसा की सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आईं। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। तनाव को देखते हुए प्रभावित इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, दर्जनों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है, और कुछ पुलिसकर्मी भी झड़पों में घायल हुए हैं। प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है, साथ ही अफवाहों से बचने के लिए कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।
विरोध की वजह क्या है?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि नया वक्फ कानून समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति के अधिकारों में हस्तक्षेप करता है। वे मांग कर रहे हैं कि इस कानून को वापस लिया जाए या उसमें संशोधन किया जाए।
राज्य सरकार ने स्थिति पर नजर रखते हुए कहा है कि वह किसी भी प्रकार की अराजकता या उपद्रव को बर्दाश्त नहीं करेगी, और शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विपक्ष का हमला
विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि जनता की राय के बिना कानून लागू करना लोकतांत्रिक भावना के खिलाफ है। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
स्थिति फिलहाल तनावपूर्ण बनी हुई है, और प्रशासन हालात को नियंत्रण में लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।