प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना की 10वीं वर्षगांठ पर लाभार्थियों से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर परोक्ष रूप से निशाना भी साधा। उन्होंने बताया कि मुद्रा योजना के तहत 33 लाख करोड़ रुपये के जमानत-मुक्त ऋण दिए गए हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मुद्रा योजना मोदी की प्रशंसा के लिए नहीं है। यह योजना मेरे देश के युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने का साहस देने के लिए है।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के लाभार्थियों से संवाद कर इस योजना के माध्यम से देशभर में छोटे उद्यमियों को मिले आर्थिक सहयोग पर प्रकाश डाला। संवाद के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि मुद्रा योजना के तहत अब तक करीब 33 लाख करोड़ रुपये के लोन बांटे जा चुके हैं, जिससे करोड़ों लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना देश के युवाओं, महिलाओं, छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है। उन्होंने बताया कि इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बिना किसी गारंटी के लोन दिए जाते हैं, जिससे आम नागरिक भी अपना व्यवसाय शुरू कर सकता है।
पीएम मोदी ने संवाद के दौरान कई लाभार्थियों की कहानियाँ भी सुनीं, जिन्होंने मुद्रा योजना से लोन लेकर अपने छोटे-छोटे व्यापार शुरू किए और अब दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब गरीब को, सामान्य जन को, बिना गारंटी के बैंक से पैसा मिलता है तो उसमें आत्मविश्वास आता है, वह आगे बढ़ता है और अपने साथ दूसरों को भी आगे बढ़ाता है।”
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि मुद्रा योजना के तहत अब तक दिए गए लोन में से एक बड़ी संख्या में लाभार्थी महिलाएं, एससी, एसटी और ओबीसी वर्गों से हैं, जो सामाजिक समरसता और आर्थिक समावेशन का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत 8 अप्रैल 2015 को की गई थी, जिसका उद्देश्य गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि छोटे-मध्यम उद्यमों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना तीन श्रेणियों में लोन देती है – शिशु (₹50,000 तक), किशोर (₹50,000 से ₹5 लाख), और तरुण (₹5 लाख से ₹10 लाख तक)। प्रधानमंत्री ने अंत में कहा कि आने वाले समय में यह योजना देश को विकसित भारत की दिशा में और मजबूती से आगे ले जाएगी।