Homeन्यूज़Malaysia Superbug:  मलेशिया में नई बीमारी का कहर, एंटीबायोटिक भी बेअसर!

Malaysia Superbug:  मलेशिया में नई बीमारी का कहर, एंटीबायोटिक भी बेअसर!

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मलेशिया में इन दिनों एक रहस्यमयी और बेहद खतरनाक बैक्टीरिया ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। इस सुपरबग (Superbug) ने आम संक्रमण को भी जानलेवा बना दिया है क्योंकि इस पर एंटीबायोटिक दवाएं भी बेअसर साबित हो रही हैं। वैज्ञानिक और डॉक्टर इसे “एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस” (AMR) की सबसे खतरनाक मिसाल मान रहे हैं।

क्या है Superbug

सुपरबग कोई एक खास बीमारी नहीं, बल्कि ऐसे बैक्टीरिया या वायरस होते हैं जो मौजूदा दवाओं के प्रति प्रतिरोधक (Resistant) बन चुके हैं। यानी जब आम संक्रमण पर असर करने वाली एंटीबायोटिक दवाएं इन पर काम नहीं करतीं, तब ये सुपरबग बन जाते हैं। मलेशिया में जो संक्रमण फैल रहा है, वो “Carbapenem-Resistant Enterobacteriaceae” (CRE) जैसे सुपरबग्स से जुड़ा बताया जा रहा है, जो बेहद जानलेवा साबित हो सकते हैं।

कितनी खतरनाक है ये बीमारी?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, मलेशिया में हाल ही में दर्जनों मरीज ऐसे सामने आए हैं जिन्हें साधारण संक्रमण हुआ, लेकिन इलाज के दौरान उनकी हालत तेजी से बिगड़ गई। कारण? दवाओं का असर न होना। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते इस पर काबू नहीं पाया गया, तो ये सुपरबग एक बड़ी महामारी का रूप ले सकता है।

कैसे फैलता है Superbug?

Superbug आमतौर पर हॉस्पिटल सेटिंग्स में ज्यादा फैलता है — जैसे IV ड्रिप, कैथेटर, या सर्जिकल उपकरणों से। लेकिन अब यह सामान्य समाज में भी फैलने लगा है। ज़्यादा एंटीबायोटिक का प्रयोग, बिना डॉक्टरी सलाह के दवाइयां लेना और खराब साफ-सफाई इसकी मुख्य वजहें मानी जा रही हैं।

बीमारी का इलाज

फिलहाल इस सुपरबग के खिलाफ कोई निश्चित इलाज नहीं है। डॉक्टर केवल लक्षणों का इलाज कर रहे हैं और कोशिश कर रहे हैं कि मरीज की इम्यूनिटी उसे संभाल सके। कुछ नई दवाओं और वैक्सीन पर शोध ज़रूर चल रहा है, लेकिन कोई ठोस समाधान अभी सामने नहीं आया है।

WHO और मलेशियाई सरकार की चिंता

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और मलेशिया की स्वास्थ्य एजेंसी ने मिलकर एक आपातकालीन रणनीति तैयार की है। अस्पतालों में इंफेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल और एंटीबायोटिक के सीमित इस्तेमाल की सख्त हिदायत दी जा रही है।

मलेशिया में फैल रहा यह Superbug केवल उस देश के लिए खतरा नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी है। अगर दवाओं के बिना ज़रूरत और सीमाओं के इस्तेमाल यूं ही चलता रहा, तो एक दिन साधारण बुखार का इलाज भी मुश्किल हो जाएगा।


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