राजस्थान के छोटे गांव के हीरो, डूंगर सिंह सोढ़ा ने बिजली समस्या का समाधान खोजते- खोजते एक आविष्कार किया। अब हर कोई झट- पट बिजली बना सकता है
भारत में अनगिनत गाँवों में बिजली की समस्या आम है, और इस समस्या का समाधान खोजने में कई उत्साही लोग लगे हुए हैं । राजस्थान के एक छोटे से गाँव के युवक, डूंगर सिंह सोढ़ा, ने अपनी जीवन की एक समस्या का समाधान खोजते हुए देश की सबसे सस्ती पोर्टेबल पवन चक्की बनाई है, जिससे कोई भी बहुत आसानी से झट- पट बिजली बना सकता है । डूंगर सिंह की कहानी अद्वितीय है, क्योंकि वह खुद गाँव के हैं और उन्हें अपने समुदाय की समस्याओं की गहरी समझ है । छोटे गाँव के रहने वाले डूंगर सिंह ने अपने गाँव में बिजली की अक्सर बारिश और तूफान के कारण छूट जाने की समस्या को देखा था, जिसने उनमें जागरूकता उत्पन्न की ।
पढ़ाई और नौकरी के बाद भी, डूंगर सिंह ने अपने गाँव की समस्याओं के समाधान के लिए दृढ़ संकल्प किया । उन्होंने सोलर पैनल का उपयोग करने का विचार किया, लेकिन उसके खर्चे और दिक्कतों ने उन्हें और भी सोचने पर मजबूर किया । तब डूंगर सिंह ने विंडमिल का आविष्कार करने का निर्णय लिया । उन्होंने अपनी जुगाड़ से बनाई गई विंडमिल की सफलता के बाद, उनका आत्मविश्वास और भी बढ़ गया । उन्होंने Sunwind नाम से एक स्टार्टअप शुरू किया और उसका प्रोडक्शन शुरू किया । इस पवन चक्की को साइज में छोटी और दाम में कम बनाए जाने के कारण किसी भी व्यक्ति ने इसके साथ जुड़कर बिजली बनाने का आदान- प्रदान बना लिया है । डूंगर सिंह की इस पहल के माध्यम से, गाँव के लोग अब खुद ही झट- पट बिजली बना सकते हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में बदलाव आया है ।
देश-विदेश में हिट है डूंगर सिंह की पवन चक्की
समुदाय के किसानों से लेकर आर्मी के जवानों तक, सभी इस आविष्कार का फायदा उठा रहे हैं और बिजली की समस्या को दूर करने में सहायक हो रहे हैं।समुदाय के किसानों से लेकर आर्मी के जवानों तक, सभी इस आविष्कार का फायदा उठा रहे हैं और बिजली की समस्या को दूर करने में सहायक हो रहे हैं । इस प्रकार, डूंगर सिंह सोढ़ा ने अपने संघर्ष और संघर्षशील दृष्टिकोण के साथ अपने गाँव के लोगों के लिए एक सुगम समाधान प्रस्तुत किया है । आज, डूंगर सिंह को उनके उत्पाद का लाइसेंस मिल चुका है और वह अब देश के साथ ही विदेश में भी इस पोर्टेबल विंडमिल को बेच रहे हैं । उनकी एक किलोवॉट की पोर्टेबल पवन चक्की, जो 50 हजार से भी कम दाम में उपलब्ध है, हर दिन आसानी से 20 यूनिट बिजली बना सकती है ।
इस पोर्टेबल विंडमिल का उपयोग दूर दराज के खेतों और फार्महाउस जैसी जगहों के लिए एक अद्वितीय और उपयुक्त विकल्प साबित हो रहा है । डूंगर सिंह के आविष्कार ने ऐसे स्थानों के लिए एक बड़ा काम किया है जहां अनियमित बिजली आपूर्ति एक सामान्य समस्या बनी हुई है । इस प्रणाली से, डूंगर सिंह ने बिजली के लंबे- चौड़े बिलों से परेशान होने वालों के लिए एक सस्ता और प्रभावी समाधान प्रदान किया है । इस पोर्टेबल पवन चक्की की सहायता से, लोग अपनी जरूरतों के हिसाब से बिजली उत्पन्न कर सकते हैं और इससे उन्हें अधिक आत्मनिर्भरता मिलती है ।